हम जीवन परिवर्तन के लिए अनुभवों का एक ढांचा आपके सामने प्रस्तुत करते हैं। "मैं कौन हूँ?" इस मूलभूत प्रश्न की खोज और अन्वेषण करने के साथ आत्म नियन्त्रण की समझ को बढ़ाते हैं। जो हमें अपने जीवन का मालिक बनकर रहने का स्वतन्त्रता देती है। दोषारोपण का खेल समाप्त हो जाता है। गहरी आध्यात्मिक समझ जब धीरे-धीरे बढ़ती है तब सभी भ्रमों के पिंजड़े टूट जाते हैं और हम अपने जीवन का पुर्न निर्माण करने की जिम्मेदारी को हांसिल कर लेते हैं। वर्तमान समय एक सच्चा उपहार बन जाता है।
इस सबको हम अध्ययन के चार विषयों में निपुण बनकर हांसिल करते हैं।
आध्यात्मिक ज्ञान का अभ्यास
- वैश्विक सत्य, आत्मा का निजी स्वभाव, परमात्मा और आत्मा के बीच का गहरा सम्बन्ध, हमारे आध्यात्मिक प्रयास का मुख्य संदर्भ बनते जाते हैं। जीवन, जिसको हम बहती हुई अनुभवों की श्रृंखला कह सकते हैं, को समझकर उस पर अधिकार प्राप्त करने में इन अनुभवों का सहयोग मिलता है।
राजयोग ध्यान का अभ्यास
- राजयोग का कदम दर कदम किया गया अभ्यास हमें अपनी भीतरी क्षमता और ताकत पर एकाग्र करने में मदद करता है। जो धीरे-धीरे बढ़ता और विकसित होता जाता है। कम और शक्तिशाली विचारों के साथ हम अपनी महानता को महसूस करना शुरू करते हैं।
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इस ध्यान अभ्यास में हम देखते हैं कि कैसे शान्ति ही सन्तुष्टता का मार्ग बनता जाता है। शान्ति हमें स्थिरता की दुनिया में ले जाती है। जैसे कि अपने जीवन के चित्रपट को कुछ समय के लिए बटन दबाकर हम रोक लेते हैं।
- यह हमें समय पर प्रभुत्व हांसिल करने में मदद करता है। जितना समय मैं शान्ति में बिताता हूँ उतना ही शान्ति मुझे और समय देती है।
जागरुकता के साथ दिव्य गुणों को अपनाना
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विपरीत परिस्थितियों में भीतरी गुणों का उपयोग कर पाना यही सच्ची आध्यात्मिकता है जिसे हम राजयोग ध्यान के माध्यम से सीखते हैं। जिससे हमारा आत्म सम्मान बढ़ता है।
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हम प्रेम की शक्ति को समझकर उस पर प्रभुत्व पाते हैं और सीखते हैं कि वास्तविक प्रेम की शक्ति देने में है ना कि लेने में है।
- हम स्वाभाविक रूप से अपने और दूसरों की बुराईयों के बजाए गुणों को देखते हैं, जिससे सम्बन्धों में स्वास्थ्य पनपता है।
औरों की आध्यात्मिक सेवा करना
- आध्यात्मिक सत्य ज्ञान की समझ, राजयोग ध्यान का अभ्यास और दैवी गुणों की धारणा के परिणाम स्वरूप हम स्वाभाविक रूप से औरों की समाज सेवा करना चाहते हैं। सेवा ही हमारा श्रेष्ठ कार्य है जो हमें एक नये लक्ष्य और उद्देश्य के साथ भर देती है।
- औरों की गई आध्यात्मिक सेवा अर्थात् उन्हें अपने खुद के पैरों पर खड़ा करना ताकि वे अपने निर्णय खुद ले सकें। यह एक तरह से उनको सशक्त बनाना है ताकि वे अपने आन्तरिक और बाहरी जगत के निर्माण में प्रेम, शान्ति और खुशी को अपने असली खजाने के रूप में देखें।