राजयोग ध्यान
ब्रह्माकुमारीज़ की मूल शिक्षाएँ एवं सिद्धांत उन के 'राजयोग कोर्स' द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं | यह कोर्स आत्मा और तत्वों के बीच के आपसी संबंध की वास्तविक समझ प्रदान करता है | साथ-ही-साथ आत्मा, परमात्मा और भौतिक विश्व के बीच परस्पर सम्बन्ध की समझ भी दी जाती है | इस कोर्स के विभिन्न सत्र आपकी आंतरिक यात्रा को सक्षम और प्रभावशाली बनाने में मदद करेंगे
- चेतना और आत्म अनुभूति
- परमात्मा के साथ सम्बन्ध और समीपता
- कर्म के सिद्धान्त
- समय चक्र
- जीवन रूपी वृक्ष
- आध्यात्मिक जीवनशैली
खोज करिये कि:
- अपनी नियमित दिनचर्या में राजयोग अभ्यास के लिए समय और स्थान कैसे बनायें?
- अपने चिंतन, भावनाओं एवं प्रतिक्रियाओं पर काबू कैसे पायें
- राजयोग अभ्यास के द्वारा प्राप्त कुशलता का अपने दैनिक जीवन में कैसे प्रयोग करें।
अन्य कोर्स एवं गतिविधियाँ
राजयोग अभ्यास के सत्रों के अलावा ब्रह्माकुमारीज़ के द्वारा व्यक्तिगत विकास के लिए अनेक सेमीनार, कोर्सेस, कार्यशालायें और सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। इन सत्रों की विषयवस्तु और प्रस्तुतिकरण में देश, संस्कृति और स्थानीय सुविधाओं के अनुसार परिवर्तन हो सकता है।
अपने नजदीकी क्षेत्र में इन कोर्सेस की जानकारी प्राप्त करने हेतु : लोकेशन
अन्य कोर्स में समाविष्ठ हैं।
क्रोध पर विजय
गुस्सा या क्रोध हमारे आन्तरिक दर्द की अभिव्यक्ति है। यह एक सूचना है कि आपकी भीतरी दुनिया में कुछ अस्वस्थ है ।क्रोध सबसे नकारात्मक और हानिकारक प्रतिक्रियाओं में से एक है । हम अपने भीतर के क्रोध को बदलकर उस उर्जा को सकारात्मक तरीके से कैसे उपयोग में लायें?
इस कोर्स में आप :
- क्रोध की प्रक्रिया के बारे में जानेंगे ।
- अहसास करेंगे कि शक्तिशाली चिंतन के माद्यम से क्रोध को कैसे दूर किया जा सकता है ।
- यह जान लेंगे कि अपने आंतरिक वेदना को कैसे छोड़ना है
- क्रोध को बदलने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान एवं जागृति का उपयोग करें।
- शान्तिप्रिय जीवन जीने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रासंगिक एवं वास्तविक साधनों को विकसित करें।
सकारात्मक चिन्तन
सकारात्मक चिंतन का कोर्स उनके लिए है जो अभी यह निशेय नहीं कर पाए हैं कि वे मेडिटेशन के लिए तैयार हैं या नहीं परंतु इस बात को अधिक समझना चाहते हैं कि बुद्धि की कार्य-प्रणाली क्या है, विचारों की शुद्धता कैसे हो और उन विचारों पर कैसे नियंत्रण पाया जा सकता है
अन्य लाभों में समाविष्ठ है:
- अपने मन यानि अपनी सोच और भावनाओं पर नियंत्रण कर पीएंगे
- आत्म चिन्तन की सुगम कला का उपयोग करना और अपने व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देना।
- अपने भीतर मन की छिपी हुई सकारात्मकता से लाभ ले पाएंगे
- नकारात्मक और ताकत कम करने वाली भाषा, की समापति, चाहे वह स्वयं के प्रति हो या फिर दूसरों के प्रत
- निरंतर सकारात्मक रवैये का विकास करना |
स्वमान
हम चाहे कितने भी कामयाब क्यों न हॉ, हम में से अधिकतर लोगों को अपने आत्म-सम्मान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है| जब हमें अपने निजी मूल्यों और आन्तरिक गुणों की पहचान हो जाती है, तब हम धीरज और विश्वास से जीवन की हर परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।
सीखें कैसे:
- अपने सकारात्मक स्वरूप को पहचानिए और समझिए |
- अपने व्यक्तिगत क्षमता, योग्यता और अनोखेपन को पहचानें और उसे स्वीकार करें।
- भय एवं आक्रामकता से मुक्त हो, ऐसी प्रभावपूर्ण विधि का विकास करें, जिससे आपके संबंध समर्थ बनें |
- आन्तरिक सन्तुलन बनाये रखने के लिए योग्य विकल्पों का चुनाव कर अपने आपको सशक्त बनायें।
तनावमुक्त जीवन
अनेकानेक स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों के मुख्य कारण के रूप में तनाव को जाना और पहचाना गया है। आधुनिक जीवनशैली में अधिकतर हम सबको किसी न किसी समय तनाव प्रभावित जरूर करता है। ज्यादातर शारीरिक अंगों के अलावा मानसिक तौर पर तनाव का प्रभाव अधिक देखा जाता है इसलिए उससे बचना मुश्किल महसूस होता है। तनाव की उत्पत्ति का मूल कारण जो भी हो, वह हमारी शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक उर्जा को नष्ट तो करता ही है
जानिए
- तनाव के विभिन्न स्वरूपों को कैसे पहचानें और उन का हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है
- तनाव के कारणों को कैसे पहचानें और उन को ले कर हमारी प्रतिक्रिया क्यों और कैसे होती है
- आंतरिक परिवर्तन लाने के लिए वास्तविक साधनों का उपयोग कैसे करें
- परिवर्तन के दौरान भय के बजाए परिवर्तन को अपनाने की तरफ बढ़ें।
- तनाव को नियोजित करने के लिए अपने आध्यात्मिक समझ को विकसित करें।
आवासीय कोर्स
कुछ आवासीय एकांतस्थल भी हैं जो एक समर्थक एवं सहायक वातावरण प्रदान करते हैं| जहाँ व्यक्तिगत और व्यावसयिक संगठन राजयोग अभ्यास का अनुभव कर सकते हैं और अपने व्यकितगत, पारिवारिक और व्यावसायिक क्षेत्र में आध्यात्मिकता के महत्व को समझ सकते हैं।