राजयोग अन्तर जगत की ओर एक यात्रा है। यह स्वयं को जानने या यूँ कहें कि पुन: पहचानने की यात्रा है। राजयोग अर्थात् अपनी भागदौड़ भरी जिन्दगी से थोड़ा समय निकालकर शान्ति से बैठकर आत्म निरीक्षण करना। इस तरह के समय निकालने से हम अपने चेतना के मर्म की ओर लौट आते हैं। इस आधुनिक दुनिया में, हम अपनी जिन्दगी से इतने दूर निकल आये हैं कि हम अपनी सच्ची मन की शान्ति और शक्ति को भूल गये हैं। फिर जब हमारी जड़े कमजोर होने लगती हैं तो हम इधर-उधर के आकर्षणों में फँसने लग जाते हैं और यही से हम तनाव महसूस करने लग जाते हैं। आहिस्ते-आहिस्ते ये तनाव हमारी मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को असन्तुलित कर हमें बीमारियों में भी जकड़ सकता है।
राजयोग एक ऐसा योग है जिसे हर कोई कर सकता हैं। ये एक ऐसा योग है जिसमें कोई धार्मिक प्रक्रिया या मंत्र आदि नहीं है । इसे कहीं भी और किसी भी समय किया जा सकता है। राज योग को आँखे खोलकर किया जाता है इसलिए ये अभ्यास सरल और आसान है। योग एक ऐसी स्तिति है जिसमे हम अपनी रोजमर्रा की चिन्ताओ से परे जाते है ओर हम अपने आध्यात्मिक सशक्तिकरण का आरंभ करते है। आध्यात्मिक जागृति हमें व्यर्थ और नकारात्मक भावों से दूर कर अच्छे और सकारात्मक विचार चुनने की शक्ति देता है। हम परिस्थितियों का जवाब जल्दबाज़ी मे देने के बजाए , सोंच समज के करेगे । हम समरसता में जीने लगते हैं । बेहतर, खुशनुम: और मज़बूत रिश्ते बना ;अपने जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन कर पाते हैं।